पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम सन 1986 में आया| भारत में भूदान आन्दोलन विनोवा भावे द्वारा आंध्रप्रदेश के पोचमपल्ली से चलाया गया था | गाँवों में रसोईघर में प्रयुक्त परम्परागत चूल्हे में ईधन से उत्पन्न ऊष्मा का लगभग 70% भाग बेकार चला जाता है | स्वास्थ्य निर्देशन सेवाओं का उद्देश्य उचितभाव विकास और अच्छी आदत का विकास है |जल, वायु एवं भूमि प्रदूषण की समस्या आतंरिक एवं बाह्य पर्यावरण की है|
निर्मल ग्राम योजना का सम्बन्ध ठोस एवं आर्द ठोस एवं आर्द्ध ठोस कचरे के स्वच्छ निस्तारण से है |जिला ग्राम्य विकास अधिकरण का कार्य ग्रामीण विकास के लिए योजनायें बनाना तथा शासन से प्राप्त अनुदान का ग्राम पंचायतों को आवंटन करना है| राष्ट्र्रीय एकता समिति का गठन सन 1967 में किया गया था|
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का प्रारंभ दिसंबर 2000 में किया गया था जबकि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना 'काम के बदले 'अनाज' और 'सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना' को विलय करके किया गया था|
ग्रामीण पर्यावरण की सुरक्षा वायु, जल और मृदा प्रदूषण की रोकथाम करके की जा सकती है |ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की द्रष्टि से खेती के बाद हथकरघा कुटीर उद्योग धन्धा है | जिलाधिकारी भारत में जनपद के राजस्व संग्रहण का सर्वोच्च अधिकारी होता है|
मनरेगा को विश्व बैंक ने विश्व का सबसे बड़ा सार्वजानिक कार्य योजना माना है | योजना आयोग ने विकासखंड को विकासात्मक आयोजन की आधारभूत इकाई माना है | सामुदायिक विकास कार्यक्रम को ग्राम्य विकास का कार्यक्रम नहीं माना जाता है|
1 हेक्टेयर से कम भूमि को सीमान्त कृषक माना जाता है| बीस सूत्रीय कार्यक्रम इंदिरा गाँधी के कार्यकाल में प्रारंभ किया गया था|
Lekhpal Gramin Vikas Karykram |
भू-मापन की विधियाँ (Bhumapan ki Vidhiyan)
त्रिभुज को ज्यामितीय आकृति में बांटकर नापना आसान होता है | लगभग 5 बीघा को 1 एकड़ के रूप में मापा जाता है | भूमि सुधारों से सम्बंधित उल्लेख भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची (राज्य सूची) में किया गया है | भारत में संपत्ति का अधिकार एक क़ानूनी अधिकार है | भूमि सुधार कार्यक्रम को सर्वाधिक सफलता प.बगाल में राज्य में मिली | भू-धारण प्रणाली की रैयतवाड़ी व्यवस्था की शुरुआत भारत में टामस मुनरो ने की थी | भू-क्षेत्रफल के मापन हेतु हेक्टेयर अन्तराष्ट्रीय इकाई है | जमीदारी प्रथा का प्रारंभ कार्नवालिस ने किया था| जमीदारी उन्मूलन भारत में सबसे पहले भूमि सुधार से सम्बंधित था|
भारतीय संविधान में राज्य सूची भूमि सुधार का उल्लेख किया गया है जो कि सातवीं अनुसूची में आता है| भारतीय संविधान में भूमि सुधार से सम्बंधित पहला संसोधन सन 1951 में किया गया था |1 विस्वा 20 विस्वान्शी के बराबर होता है|
भूदान आन्दोलन भूमि सुधार से संबधित आन्दोलन है जिसे विनोवा भावे जी ने आन्ध्रप्रदेश से शुरू किया था |
महलवाड़ी व्यवस्था में भूमि पर ग्राम समुदाय का संयुक्त स्वामित्व होता था | प्रतिच्छेदन में अगम्य बिन्दुओं में प्लेन टेबल पर प्लाट करने के लिए किया जाता है |
एक शाहजहाँनी जरीब की लम्बाई 132 फीट होती है | जब सुई उत्तर दिशा की ओर इंगित करे तो प्रिज्म के अंतर्गत पठन शून्य होना चाहिए | भारतीय ग्रामीण समाज को जनजातीय समाज और कृषक समाज में बांटा जा सकता है | इनवार फीता से नाप लेने से कम त्रुटी होती है | भूमि सुधार हेतु कानून बनाने की शक्ति राज्य सरकार के पास होती है |
ग्रामीण समाजशास्त्र में ग्रामीण जीवन एवं ग्रामीण समस्याओं का अध्ययन किया जाता है | ग्रामीण समाज में उत्पादन एवं उपभोग के बीच संतुलन बना रहता है | खतौनी में लेखपाल लाल स्याही से परिवर्तन करता है | लेखपाल के कागजात पर राजस्व अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं | सरकार द्वारा नियोजित योजनाओं के द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी से परिवर्तन हो रहे हैं |
भू-मापन में जरीब लाइन के आरम्भ तथा समाप्त होने के स्थान मुकाम कहलाते हैं | गाँव के नक़्शे में लेखपाल पेन्सिल की बिन्दुदार रेखा द्वारा दर्शाता है | जोत बही में प्रष्टों की संख्या 16 होती है | लेखपाल खसरा तैयार करके रजिस्ट्रार कानून गोह के पास अगले वर्ष जमा कर देता है | जमाबंदी की तैयारी दो प्रतियों में की जाती है |भूमि की पैमाईश राजस्व विभाग करता है | सर्वेक्षण के लगभग मध्य से गुजरने वाली सबसे अधिक लम्बी रेखा को आधार रेखा कहते हैं|
कुछ महत्वपूर्ण बिंदु (Important Points)
- भारत में ज्यामितीय का विकास मिश्र व् चीन से पहले हो गया था |
- अकबर के शासनकाल में इलाही राज का इस्तेमाल किया जाता था जो एक रस्सी होती थी एवं इसकी लम्बाई 60 इलाही गज होती थी|
- शाहजहाँनी जरीब की कुल लम्बाई 165 फुट होती थी |
- गंटरी जरीब की कुल लम्बाई 64 फुट लम्बी होती थी वर्तमान समय में भी गंटरी जरीब का इस्तेमाल किया जा रहा है |
- जरीब एक लोहे या स्टील की बनी होती है इसमें 100 कड़ी लगी होती है |
- 1 बीघा में 20 विस्वा होते हैं जबकि 1 एकड़ में 4840 वर्ग गज होते हैं |
ग्राम सभा एवं पचायती राज (Gram Sabha and Panchaytiraj)
ग्राम शब्द का उल्लेख सबसे पहले ऋग्वेद में किया गया है | कई गाँव को मिलाकर एक ब्लाक का निर्माण होता है तथा कई ब्लाक मिलकर एक तहसील का निर्माण करते हैं |
ग्राम सभा क्या हैं ?(What is Gramsabha?)
गाँव की मतदाता सूची में शामिल कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो ग्राम सभा का सदस्य होता है | ग्राम प्रधान को 15 दिन पूर्व सूचना देकर उपस्थित सदस्यों के 2/3 बहुमत से पद से हटाया जा सकता है| ग्राम सभा का प्रधान वही व्यक्ति चुना जाता है जिसकी आयु कम से कम 21 वर्ष या उससे अधिक हो | ग्राम पंचायत में न्यूनतम 9 और अधिकतम 15 सदस्य होते हैं |
पंचायत समिति (Panchayat Samiti)
प्रत्येक 5000 की प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र पर पंचायत समिति के सदस्यों का चुनाव होता है | पंचायत समिति का पहला कार्य होता है अपने बीच में से प्रमुख व उपप्रमुख का चुनाव होता है प्रमुख पंचायत समिति के अध्यक्ष होते है | पंचायत समिति के सदस्य जिसे जनता प्रत्यक्ष रूप से चुनती है वे प्रतिनिधि के रूप में काम करती है यानी पंचायत समिति सदस्य की सारी शक्तियां पंचायत समिति के अंतर्गत आती हैं इसीलिए पंचायत समिति के बारे में समझना आपके लिए बेहद जरूरी है |
पंचायत समिति मध्यवर्ती स्तर की पंचायत है यह पंचायत एवं जिला परिषद् के बीच कड़ी का कार्य करती है | ग्राम पंचायतों के लिए पंचायत समिति नियमित रूप से कार्य करने के लिए सहायक संस्था के रूप में जिला परिषद् के लिए पंचायत समिति ग्राम पंचायतों की ओर से उनका पक्ष प्रस्तुत करने वाली सत्ता है |
अगर हम आसान भाषा में कहें तो पंचायत समिति ग्राम पंचायतों की पंचायत है | प्रत्येक प्रखंड में एक पंचायत समिति का गठन किया जाता है|पंचायत समिति में प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र से सीधे चुने गए सदस्यों के अतिरिक्त और भी सदस्य होते हैं |
सम्बंधित प्रखंड या इसके निर्वाचन क्षेत्र का अंशतः या पुर्णतः प्रतिनिधित्व करने वाले लोक सभा एवं विधान सभा के सदस्य, राज्यसभा एवं विधान परिषद् के वे सदस्य जो पंचायत समिति क्षेत्र के अंतर्गत निर्वाचन के रूप में पंजीकृत हों |पंचायत समिति के क्षेत्र में पड़ने वाली सभी ग्राम पंचायत के मुखिया पंचायात समिति का कार्यपालक होता है|
जिला पंचायत (Jila Panchayat)
उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में जिला पंचायत के गठन का प्रावधान है| जिला पंचायत पूरे जिले में आने वाली सभी समस्यायों की समीक्षा करती है और प्राथमिकताओं के आधार पर एक जिला योजना तैयार करती है और जिला योजना में स्वीकृत कार्य योजनाओं का कार्यान्वयन करती है |जिला पंचायत को जिला परिषद् के नाम से भी जाना जाता है |जिला पंचायत का प्रतिनिधित्व निर्वाचित पंचायत अध्यक्ष के द्वारा किया जाता है|
जिला पंचायत से सम्बंधित कार्य निम्न प्रकार से आप देख सकते हैं |
जिला पंचायत से सम्बंधित कार्य |
1.भूमि-सुधार तथा लघु
सिचाईं योजनाओं का विकास करना |
2.सार्वजनिक वितरण
प्रणाली को लागू करना |
3.कुटीर एवं लघु उद्योग
को प्रोत्साहन देना |
4.जिले के अंदर ग्रामीण
तथा माध्यमिक विद्द्यालयों की स्थापना करना |
5.सड़कों, पुलों तथा पुलियों का
निर्माण और मरम्मत करना |
6.ग्राम प्रंचायतों तथा
क्षेत्र पंचायतों के कार्यों का निरीक्षण करना |
7.वृद्धापेंशन, विधवा पेंशन एवं बाल
कल्याण कार्यक्रम को लागू करना |
8.आर्थिक विकास की
योजनाएं तैयार करना एवं उससे सम्बंधित आकड़े इकठ्ठा करना |
9.गरीब और कमजोर कैटेगरी
लोगों के लिए विकास कार्यक्रमों को लागू करना |
जिला पंचायत के प्रशासन को संचालित करने के लिए जिला पंचायत के अध्यक्ष की नियुक्त की जाती है |
अब आप यह सोच रहे होंगे कि जिला पंचायत के अध्यक्ष का चुनाव कैसे किया जाता है तो चलिए हम बताते है कि जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव किस प्रकार करते हैं -
इसके लिए सबसे पहले जिला पंचायत का चुनाव किया जाता है जिला पंचायत को ऐसे छोटे-छोटे वार्डों में बाँट दिया जाता है जिसमें लोगों की संख्या लगभग 50,000 होती है |इसमें जिला पंचायत के सदस्यों का चुनाव ग्राम सभा के सदस्यों द्वारा प्रत्यक्ष मतदान द्वारा किया जाता है | जिला पंचायत सदस्य में से चयनित किसी एक सदस्य को अध्यक्ष का चुनाव करते हैं |इस प्रकार जिला पंचायत के अध्यक्ष की नियुक्ति हो जाती है|
पंचायती राज व्यवस्था से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- ग्राम पंचायत का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए|
- ग्राम पंचायत के सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष तक होता है|
- जिला पंचायत का सदस्य 50000 की जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है |
- स्थानीय स्वशासन की सबसे छोटी इकाई ग्राम को माना जाता है|
- पंचायती राज व्यवस्था में 73वें संविधान संशोधन द्वारा एकरूपता प्रदान की गई थी|
- 73वें संविधान संशोधन द्वारा पंचायती राज में महिलाओं को 33% आरक्षण का प्रावधान किया गया था |
- 73 वा संविधान संशोधन पिछड़ा वर्ग के लिए बाध्यकारी आरक्षण की व्यवस्था नहीं करता है|
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