SSC GD : दिल्ली सल्तनत से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य | Most Important GK in Hindi

SSC GD Most Important GK in Hindi : दिल्ली सल्तनत हमारे भारतीय इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है| ये वो समय था जब उत्तर भारत में इस्लामी शासन की शुरुआत हुई और भारतीय उपमहाद्वीप का राजनितिक सामाजिक और सांस्कृतिक परिद्रश्य बदल गया| दिल्ली सल्तनत का उदय 12वीं शताब्दी के अंत और 13वीं शताब्दी की शुरुआत में हुआ| इसका प्रभाव न केवल राजनीतिक द्रष्टि से महत्वपूर्ण था बल्कि इसने भारतीय समाज में कई बदलाव लाये|

SSC GD : Most Important GK in Hindi
SSC GD : Most Important GK in Hindi

दिल्ली सल्तनत के उदय के पहले भारत छोटे-छोटे राज्यों में बटा था तथा उत्तर भारत में राजपूत शासकों का प्रभुत्व था, लेकिन वे आपस में लड़ते रहते थे| इसी समय मध्य एशिया और अफगानिस्तान से तुर्की आक्रमणकारी भारत आये| इनमे से सबसे प्रभावशाली आक्रमण मोहम्मद गौरी का था| मोहम्मद गौरी ने 1192ई. में तराइन के दूसरे युद्ध में पृथ्वीराज चौहान को हराकर उत्तर भारत का रास्ता खोल दिया|

दिल्ली सल्तनत की स्थापना 

मोहम्मद गौरी के बाद उनके सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1206 ई. में गुलाम वंश की स्थापना की|ये दिल्ली सल्तनत का पहला राजवंश था| इसी प्रकार 1206 ई. में दिल्ली सल्तनत की शुरुआत हुई जो 1526 ई. तक चली थी|

सल्तनत काल में पांच प्रमुख वंशों ने शासन किया-

गुलाम वंश :-गुलाम वंश दिल्ली सल्तनत का महला वंश था| गुलाम वंश इसलिए कहा जाता था क्योंकि इसके सभी शासक तुर्की के गुलाम थे| कुतुबुद्दीन ऐबक गुलाम वंश का पहला शासक बना लेकिन वह लम्बे समय तक नहीं चल सका| उसके बाद इल्तुतमिश आया उसने सल्तनत को स्थायित्व प्रदान किया और उसे संगठित किया| उसने दिल्ली को एक केंद्र बनाया और सिक्के प्रणाली की शुरुआत की|
खिलजी वंश :- खिलजी वंश ने दिल्ली सल्तनत को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया| इस वंश के शासक अलाउद्दीन खिलजी ने अपने सैन्य अभियानों और प्रसाशनिक सुधारों के लिए ख्याति अर्जित की| उसने मंगोल आक्रमणों को रोका और दक्षिण भारत में अपना प्रभाव बढ़ाया|
तुगलक वंश :- तुगलक वंश का शासनकाल प्रशासनिक और आर्थिक द्रष्टि से महत्वपूर्ण था| इस वंश के शासन मोहम्मद बिन तुगलक अपने साहसी लेकिन विफल योजनाओं के लिए जाना जाता है| उसने दिल्ली राजधानी को दिल्ली से दौलताबाद स्थानान्तरित करने की योजना बनाई जो असफल हुई| मोहम्मद बिन तुगलक को रंगीला बादशाह के नाम से भी जाना जाता है|
सैय्यद वंश और लोदी वंश :- सैय्यद और लोदी वंश दिल्ली सल्तनत के अंतिम चरण का प्रतीक है| लोदी वंश का शासक इब्राहीम लोदी अंतिम शासक था, जिसे 1526 ई. में बाबर ने पानीपत की लड़ाई में हराया था| इसके साथ ही दिल्ली सल्तनत का अंत हो गया और मुग़ल साम्राज्य की स्थापना हुई|

शासन काल से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य 

  • कुतुबुद्दीन ऐबक दिल्ली का पहला संस्थापक और गुलाम वंश का पहला शासक बना| ये गौली साम्राज्य का सुलतान गौरी का गुलाम था| वर्ष 1206 में मुहम्मद गौरी ने कुतुबुद्दीन ऐबक को अपना उत्तराधिकारी बनाया|उसने तराइन के युद्ध के बाद  भारत में तुर्की सल्तनत के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई|
  • मुइजुद्दीन का एक का एक और गुलाम यल्दुज गजनी में सफल हुआ|गजनी की शासक के रूप में यलदूज ने दिल्ली पर भी शासन करने का दावा किया था|
  • हालाँकि ये लाहौर से शासन करने वाले ऐबक द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था लेकिन इसी समय से सल्तनत ने गजनी से अपने सम्बन्ध तोड़ लिए थे| गुलाम वंश की स्थापना का श्रेय कुतुबुद्दीन ऐबक को जाता है|
  • गुलाम वंश जिसे मामलुक वंश के नाम से भी जाना जाता है,भारत में दिल्ली सल्तनत पर शासन करने वाल पहला मुस्लिम राजवंश था|कुतुबुद्दीन ऐबक को लाख बक्श के नाम से भी जाना जाता था|
  • चौगान खेलते समय कुतुबुद्दीन ऐबक की घोड़े से गिरकर मृत्यु हो गयी|इसके बाद उसका उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने जो की ऐबक का दामाद था, शासन किया| इल्तुतमिश को उत्तर भारत में तुर्की विजय का वास्तविक समैकक  माना जाना चाहिए|
  • अपने राज्याभिषेक के समय अली मर्दन खान ने स्वयं बंगाल और बिहार का घोषित कर दिया था|
  • सबसे पहले दिल्ली के पास इल्तुतमिश के कुछ साथी अधिकारी भी उसके अधिकार को स्वीकार करने के लिए अनिच्छुक थे| राजपूतों को अपनी स्वतंत्रता का दावा करने का अवसर मिला| कालिंजर, ग्वालियर और पूर्वी राजस्थान के क्षेत्र,जिसमें अजमेर एवं बयाना शामिल थे, उसने सफलतापूर्वक स्वयं को तुर्की के प्रभुत्व से मुक्त कर लिया| लगभग इसी समय इल्तुतमिश ने ग्वालियर, बयाना अजमेर और नागौर को पुनः प्राप्त करने के लिए कदम उठाये|
  • अपने शासनकाल के प्रारंभिक वर्ष में इल्तुतमिश ने अपना ध्यान उत्तर पश्चिम की तरफ लगाया था| ख्वारिज्म शाह द्वारा गजनी की विजय के साथ उनकी स्थित के लिए एक नया खतरा पैदा हो गया|ख्वारिज्मी साम्राज्य इस समय मध्य एशिया में सबसे शक्तिशाली राज्य था और इसकी पूर्वी सीमा अब सिन्धु तक फैली हुई थी| इस खतरे को टालने के लिए इल्तुतमिश ने लाहौर की पर कूंच किया तथा उस पर अधिकार कर लिया|
  • ऐबक के साथी गुलाम कुबाचा ने खुद को मुल्तान का स्वतन्त्र शासक घोषित कर दिया था और लाहौर तथा पंजाब के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर था लेकिन जब वह जीत के करीब थी तभी डाकुओं द्वारा एक जंगल में उसे हरा दिया गया और मार दिया गया|
  • मंगोल सम्राज्य ने वर्ष 1221 से 1327 तक भारतीय उपमहाद्वीप पर आक्रमण करने के कई प्रयास किये|
  • मंगोलों का उदय मंगोल नेता चंगेज खां के आगमन के साथ शुरू हुआ जो खुद को ईश्वर का अभिशाप कहने में गर्व महसूस करता था|
  • मंगोलों ने 1218 ई. में ख्वारिज्मी साम्राज्य पर हमला किया|  मंगोल आक्रमण का दिल्ली सल्तनत पर भारी प्रभाव पड़ा| उस समय दिल्ली के शासक इल्तुतमिश ने मंगोलों को शांत कराने की काफी कोशिश की थी जिसके परिणामस्वरूप मंगोलों के हमलों की एक श्रंखला शुरू हुई और सिन्धु नदी भारत कि पश्चीमी सीमा नहीं रही |
  • अंततः इल्तुतमिश लाहौर और मुल्तान दोनों को जीतने में सक्षम था, इस प्रकार मंगोलों के खिलाफ रक्षा की काफी मजबूत रेखा बन गया|
  • 1227 ई.में चंगेज खां की मृत्यु के बाद शक्तिशाली मंगोल उसके पुत्रों में बट गया|

दिल्ली सल्तनत के उदय के कारण

  • भारत में छोटे-छोटे राज्यों के बीच आपसी संघर्ष ने तुर्की आक्रमणकारियों को यहाँ पैर जमाने का मौका दिया| 
  • तुर्क शासकों की सेना संगठित और कुशल होने के कारण भारतीय सेना को पराजित किया 
  • भारतीय समाज में जाति और धर्म के आधार पर गहरी खाई बन गयी जिससे आपस में एकता का अभाव था|
  • भारत का भौगोलिक स्थान विदेशी आक्रमणकारियों के लिए अनुकूल था|
  • दिल्ली सल्तनत का प्रभाव केवल राजनीतिक नहीं था बल्कि इसने भारतीय समाज और संस्कृति पर गहरा प्रभाव डाला|
  • सल्तनत काल ने प्रशासनिक प्रणाली को केंद्रीकृत किया और कर व्यवस्था को सुद्रढ़ बनाया|
  • व्यापार को बढ़ावा मिला तथा भारत का संपर्क मध्य एशिया और अरब देशों के बीच बढ़ा|

दिल्ली सल्तनत से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)


1. दिल्ली सल्तनत की स्थापना किसके द्वारा की गयी? - कुतुबुद्दीन ऐबक 

2. पहले पहले किस वंश ने दिल्ली पर शासन किया? - गुलाम वंश

3. क़ुतुब मीनार परिसर में रखा गया लौह स्तंभ किसने बनवाया था? - चन्द्रगुप्त द्वतीय ने 

4. किस शासक को लाखबक्श के नाम से जाना जाता था? - कुतुबुद्दीन ऐबक 

5. दिल्ली का सबसे प्रसिद्द शासक कौन हुआ? - अलाउद्दीन खिलजी 

6. खिलजी वंश की स्थापना किसने की? - जलालुद्दीन खिलजी ने 

7. बाजार मूल्य नियंत्रण प्रणाली की शुरुआत किसने की थी? - अलाउदीन खिलजी ने 

8. इक्ता प्रणाली की शुरुआत किसने की थी? - इल्तुतमिश ने 

9. इक्ता प्रणाली किससे सम्बंधित थी? - भूराजस्व से 

10. पागल बादशाह के नाम से किसे जाना जाता था? - मोहम्मद बिन तुगलक 

11. सैयद वंश की स्थापना किसने की थी? - खिज्र खां ने 

12. क़ुतुबमीनार निर्माण किसने करवाया तथा इसे पूरा किसने किया? -कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाया तथा इल्तुतमिश ने इसे पूरा किया 

13. लोदी वंश का अंतिम शासक कौन था? - इब्राहीम लोदी 

14. पानीपत की लड़ाई कब और किसके साथ हुई? - बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच सन 1526 ई. में हुई 

15.सबसे अधिक सिंचाई व्यवस्था और कृषि विकास किसने करवाया था? - फिरोज शाह तुगलक ने


उम्मीद है इस पोस्ट के माध्यम से आपको महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई होगी इसी प्रकार अपनी तैयार के बेहतर बनाते रहिये और यदि SSC से सम्बंधित और भी टॉपिक्स पढ़ना चाहते हैं तो आप हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं|
धन्यवाद !

Post a Comment

0 Comments